20 हिंदी में छोटी कहानियाँ (20 Short Stories in Hindi)
नमस्ते पाठकों! कहानियाँ हमारी संस्कृति और जिंदगी का एक अनमोल हिस्सा हैं। बचपन से ही हम कहानियों के साथ बड़े होते हैं – चाहे वो दादी-नानी की सुनाई हुई लोककथाएँ हों, माता-पिता की सिखाई हुई नीति कथाएँ हों, या स्कूल में पढ़ी गई छोटी-छोटी कहानियाँ। हर कहानी हमें कुछ नया सिखाती है, हमें प्रेरणा देती है और मनोरंजन का एक खूबसूरत जरिया बनती है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं “हिंदी में छोटी कहानियाँ” (short story in hindi) का एक शानदार संग्रह। इस ब्लॉग में हम 20 ऐसी कहानियाँ पेश कर रहे हैं जो न सिर्फ रोचक हैं, बल्कि जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं को भी छूती हैं।
1. दोस्ती की ताकत (Dosti Ki Takat)
सच्ची दोस्ती वही है जो मुश्किल वक्त में साथ दे। यह कहानी दो दोस्तों की गहरी दोस्ती की है।

राहुल और सोहन एक ही गाँव में रहते थे। दोनों बचपन से दोस्त थे। वो साथ में स्कूल जाते, साथ में खेलते और अपनी हर बात एक-दूसरे से बाँटते थे। राहुल शांत स्वभाव का था, जबकि सोहन हँसमुख और हिम्मती था। एक दिन गर्मियों की छुट्टियाँ थीं। दोनों दोस्त जंगल में खेलने गए। वहाँ एक पुराना कुआँ था, जो सूख चुका था। राहुल खेलते-खेलते उस कुएँ के पास गया और अचानक उसका पैर फिसल गया। वो कुएँ में गिर पड़ा।
राहुल ने जोर से चिल्लाया, “सोहन, मुझे बचाओ! मैं यहाँ से निकल नहीं सकता।” सोहन घबरा गया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने आसपास देखा तो उसे एक पुरानी रस्सी दिखी, जो पास के पेड़ से बँधी थी। वो दौड़कर रस्सी ले आया और उसे कुएँ में डाला। उसने कहा, “राहुल, इसे पकड़ो और ऊपर चढ़ने की कोशिश करो।” राहुल ने रस्सी पकड़ी और सोहन ने ऊपर से पूरी ताकत लगाकर उसे खींचा। कई कोशिशों के बाद राहुल बाहर आ गया। उसकी साँसें तेज़ चल रही थीं। उसने सोहन को गले लगाया और कहा, “अगर तू न होता तो मैं आज मर जाता। तू मेरा सच्चा दोस्त है।” सोहन हँसा और बोला, “दोस्ती में धन्यवाद नहीं बोलते। तू मेरा भाई है।”
उस घटना के बाद उनकी दोस्ती और मज़बूत हो गई। सालों बाद राहुल एक बड़ा व्यापारी बना। उसने सोहन को अपने व्यापार में पार्टनर बनाया। दोनों ने मिलकर बहुत नाम कमाया। एक बार गाँव में मेला लगा, तो राहुल ने सोहन को स्टेज पर बुलाया और कहा, “ये मेरा दोस्त है, जिसने मेरी जान बचाई। आज जो कुछ भी हूँ, उसमें इसका बहुत बड़ा हाथ है।” सोहन ने भी हँसकर कहा, “हमारी दोस्ती हमेशा ऐसी ही रहेगी।” गाँव वाले उनकी दोस्ती की तारीफ करते नहीं थकते थे।
दोस्ती की ताकत – कहानी से सीख
ये कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा दोस्त वही है जो हर मुश्किल में साथ खड़ा हो।
2. गरीब की मदद (Gareeb Ki Madad)
दूसरों की मदद करना इंसानियत का सबसे बड़ा काम है। ये कहानी एक गरीब की मदद की है।

शहर के एक कोने में राजू नाम का लड़का रहता था। वो मेहनत-मज़दूरी करता था और जो थोड़े-बहुत पैसे कमाता, उससे अपने परिवार का खर्च चलाता था। एक सर्द रात को वो काम से लौट रहा था। रास्ते में उसने देखा कि एक बूढ़ा आदमी सड़क किनारे ठंड से काँप रहा है। उसके पास न गर्म कपड़े थे, न कंबल। राजू का दिल पसीज गया। उसकी जेब में सिर्फ 100 रुपये थे, जो उसने दिनभर की मेहनत से कमाए थे। उसने सोचा, “अगर मैं इसे खाना खिला दूँ तो ये बूढ़ा ठंड में मर जाएगा।”
राजू बाज़ार गया और अपने सारे पैसे से एक मोटा कंबल खरीदा। वो बूढ़े के पास लौटा और कंबल उसे दे दिया। बूढ़ा बहुत खुश हुआ। उसने कंबल ओढ़ा और कहा, “बेटा, तूने मेरी जान बचाई। भगवान तुझे बहुत सुख दे।” राजू मुस्कुराया और घर चला गया। उस रात उसे भूखा सोना पड़ा, लेकिन उसे सुकून था कि उसने किसी की मदद की। कुछ दिन बाद गाँव में हलचल हुई। पता चला कि वो बूढ़ा कोई साधारण इंसान नहीं, बल्कि एक अमीर ज़मींदार था। वो अपनी असली हालत देखने के लिए गरीब बनकर घूम रहा था।
ज़मींदार ने राजू को ढूँढा और अपने पास बुलाया। उसने कहा, “तूने बिना कुछ जाने मेरी मदद की। अब मैं तेरी मदद करूँगा।” उसने राजू को अपने खेतों में नौकरी दे दी। राजू की मेहनत से वो अच्छा पैसा कमाने लगा और अपने परिवार की सारी परेशानियाँ दूर कर दीं। उसने अपने पैसों से अपने छोटे भाई-बहनों को स्कूल भेजा। गाँव वाले उसकी तारीफ करते थे और कहते, “राजू ने साबित कर दिया कि अच्छाई कभी बेकार नहीं जाती।”
गरीब की मदद – कहानी से सीख
ये कहानी सिखाती है कि दूसरों की मदद करने से जिंदगी में सच्ची खुशी मिलती है।
3. सपनों का पीछा (Sapno ka Peecha)
सपने वो हैं जो हमें आगे बढ़ने की हिम्मत देते हैं। ये कहानी एक मेहनती लड़के के सपनों की है।

एक छोटे गाँव में मोहन नाम का लड़का रहता था। उसके माता-पिता गरीब थे और खेतों में मज़दूरी करते थे। मोहन को पढ़ने का बहुत शौक था। वो सोचता, “अगर मैं पढ़ लूँ तो अपने परिवार को गरीबी से निकाल सकता हूँ।” लेकिन गाँव में स्कूल दूर था और उसके पास किताबें खरीदने के पैसे नहीं थे। फिर भी उसने हार नहीं मानी। वो दिन में खेतों में अपने पिता की मदद करता और रात में लालटेन की रोशनी में पढ़ता। गाँव वाले उसका मज़ाक उड़ाते थे। वो कहते, “ये क्या करेगा? गरीब का बेटा बड़ा अफसर नहीं बन सकता।”
मोहन उनकी बातें सुनता, लेकिन चुप रहता। उसने अपने स्कूल के मास्टर से किताबें उधार माँगी और रात-दिन मेहनत की। कई बार उसे भूखा रहना पड़ता था, लेकिन वो पढ़ाई नहीं छोड़ता था। सालों की मेहनत के बाद उसने एक बड़ी परीक्षा पास की और शहर में अफसर की नौकरी पा ली। जब वो गाँव लौटा, तो सब हैरान रह गए। उसने अपने पैसों से गाँव में एक स्कूल बनवाया ताकि गाँव के बच्चे भी पढ़ सकें। उसकी माँ ने कहा, “बेटा, तूने मेरे सपने सच कर दिए।”
मोहन ने गाँव वालों को बुलाया और कहा, “सपने बड़े हों या छोटे, मेहनत से सब सच हो सकते हैं।” उसकी मेहनत और लगन ने गाँव के कई बच्चों को प्रेरणा दी। आज मोहन एक बड़ा नाम है और उसका गाँव भी तरक्की कर रहा है। उसने अपने परिवार को गरीबी से निकाला और गाँव की तस्वीर बदल दी।
सपनों का पीछा – कहानी से सीख
इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि मेहनत और हिम्मत से हर सपना सच हो सकता है।
4. जंगल का राजा (Jungle Ka Raja)
हर जंगल का अपना राजा होता है। ये कहानी एक शेर की हिम्मत और समझदारी की है।

एक बड़े जंगल में शेर रहता था। वो बहुत ताकतवर था और उसकी दहाड़ से सारे जानवर डरते थे। जंगल के सारे जानवर उसे अपना राजा मानते थे। एक दिन जंगल में खबर फैली कि एक शिकारी आया है। वो जंगल के जानवरों को पकड़कर शहर ले जाना चाहता था। छोटा खरगोश डरते हुए शेर के पास गया और बोला, “शेर भैया, एक शिकारी जंगल में आया है। वो हमें मारना चाहता है। आप कुछ कीजिए।” शेर ने गहरी साँस ली और कहा, “चिंता मत करो, मैं इसे भगा दूँगा।”
शेर जंगल में निकला और शिकारी को ढूँढने लगा। उसने देखा कि शिकारी एक जाल बिछा रहा है। शेर छिपकर उसकी हरकतें देखता रहा। जब शिकारी जाल में खाना रखकर दूर गया, तो शेर ने दहाड़ मारी। उसकी आवाज़ से शिकारी डर गया और भागने की कोशिश की। शेर ने उसे दौड़ाया और जंगल से बाहर खदेड़ दिया। शिकारी ने सोचा, “यहाँ रहना खतरनाक है।” वो अपना सामान छोड़कर भाग गया। जंगल के सारे जानवर खुश हुए और शेर की तारीफ करने लगे। खरगोश बोला, “आप हमारे सच्चे राजा हैं।”
शेर ने सबको इकट्ठा किया और कहा, “जंगल हमारा घर है। हमें इसे मिलकर बचाना है।” उस दिन से जंगल के जानवर आपस में एकजुट हो गए। शेर ने उनकी रक्षा की और सबके लिए एक मिसाल बन गया।
जंगल का राजा – कहानी से सीख
ये कहानी बताती है कि सच्चा राजा वही है जो अपने लोगों की रक्षा करे और हिम्मत दिखाए।
5. माँ का प्यार (Maa Ka Pyar)
माँ का प्यार दुनिया में सबसे अनमोल होता है। ये कहानी एक माँ और बेटे के अटूट रिश्ते की है।

सोनू अपनी माँ के साथ एक छोटे से गाँव में रहता था। उसके पिता नहीं थे, और माँ दिन-रात खेतों में काम करती थी ताकि सोनू पढ़ सके। माँ की कमर झुक गई थी, लेकिन वो कभी थकती नहीं थी। एक दिन बारिश के मौसम में सोनू को तेज़ बुखार हो गया। गाँव में डॉक्टर नहीं था और शहर बहुत दूर था। माँ घबरा गई। उसने अपने गहने बेचे और सोनू को बैलगाड़ी से शहर ले गई। रास्ते में बारिश होती रही, लेकिन माँ ने सोनू को अपनी चुनरी से ढककर बचाया।
शहर में डॉक्टर ने सोनू का इलाज किया। कई दिन बाद वो ठीक हुआ। उसने अपनी माँ को देखा, जो थकान से चूर थी। सोनू ने मन में ठाना, “मैं बड़ा होकर माँ की हर तकलीफ दूर करूँगा।” वो दिन-रात पढ़ाई करने लगा। सालों बाद सोनू डॉक्टर बना। उसने अपनी पहली कमाई से माँ के लिए एक घर बनवाया और उसे शहर ले गया। माँ की आँखों में खुशी के आँसू थे। उसने कहा, “बेटा, तूने मेरी मेहनत को फल दे दिया।” सोनू ने माँ के पैर छुए और बोला, “ये सब आपके प्यार की वजह से हुआ।”
उसके बाद सोनू ने गाँव में एक छोटा अस्पताल खोला ताकि किसी और को उसकी तरह परेशानी न हो। माँ हर दिन अस्पताल के बाहर बैठती और सोनू को देखकर मुस्कुराती। गाँव वाले उनकी कहानी को याद करते थे।
माँ का प्यार – कहानी से सीख
ये कहानी हमें माँ के त्याग और प्यार की कीमत सिखाती है।
6. गलती की सजा (Galti Ki Saja)
गलती करने की सजा हमें सुधरने का मौका देती है। ये कहानी एक चोर के बदलाव की है।

रामलाल एक छोटे शहर में रहता था। वो चोरी करता था और रात में घरों में सेंध लगाता था। उसे लगता था कि मेहनत से कुछ नहीं मिलता। एक रात उसने एक अमीर घर में चोरी करने की योजना बनाई। वो खिड़की से अंदर घुसा और कीमती सामान इकट्ठा करने लगा। लेकिन अचानक घरवाले जाग गए। उन्होंने शोर मचाया और पड़ोसियों को बुला लिया। रामलाल भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे पकड़ लिया गया। पुलिस आई और उसे जेल में डाल दिया।
जेल में रामलाल को बहुत बुरा लगा। वो सोचता, “अगर मैं मेहनत करता तो आज ये दिन न देखना पड़ता।” जेल में उसे सिलाई का काम सिखाया गया। उसने मेहनत की और अच्छा सिलाई करना सीख लिया। कई साल बाद वो जेल से बाहर आया। उसने चोरी का रास्ता छोड़ दिया और एक छोटी दुकान खोली। वो कपड़े सिलने लगा और धीरे-धीरे उसकी दुकान चल पड़ी। लोग उसकी मेहनत की तारीफ करने लगे। एक दिन वो उस घर गया जहाँ उसने चोरी की थी। उसने माफी माँगी और कहा, “मैं बदल गया हूँ।” घरवालों ने उसे माफ कर दिया।
रामलाल ने अपनी कमाई से अपने बच्चों को स्कूल भेजा और एक नई जिंदगी शुरू की। वो कहता, “गलती ने मुझे सुधरने का मौका दिया।”
गलती की सजा – कहानी से सीख
ये कहानी बताती है कि गलत रास्ता छोड़कर सही रास्ते पर चलना ही समझदारी है।
7. पानी की कीमत (Pani Ki Keemat)
पानी की कीमत वही समझता है जिसे इसकी कमी झेलनी पड़े। ये कहानी पानी की अहमियत की है।

एक गाँव में सूखा पड़ गया। नदी सूख गई और कुएँ भी खाली हो गए। गाँव वाले परेशान थे। छोटू नाम का लड़का अपने परिवार के लिए रोज़ दूर से पानी लाता था। एक दिन उसने देखा कि गाँव के कुछ लोग पानी बर्बाद कर रहे हैं। वो नहाने में पानी बहाते और बर्तन धोने में भी ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल करते। छोटू को गुस्सा आया। उसने गाँव वालों को इकट्ठा किया और कहा, “पानी बचाओ। ये अनमोल है। अगर ये खत्म हो गया तो हम सब मुश्किल में पड़ जाएँगे।”
पहले तो लोग हँसे, लेकिन छोटू ने हार नहीं मानी। वो हर दिन सबको समझाता रहा। उसने खुद एक छोटा गड्ढा खोदा और बारिश का पानी इकट्ठा करना शुरू किया। धीरे-धीरे गाँव वालों को उसकी बात समझ आई। सबने पानी बचाना शुरू कर दिया। कुछ दिन बाद बारिश हुई। गाँव फिर से हरा-भरा हो गया। छोटू के गड्ढे में पानी इकट्ठा हुआ, जिससे गाँव वालों को बहुत मदद मिली। सबने छोटू की तारीफ की और उसे “पानी का रखवाला” कहा।
छोटू ने कहा, “पानी हमारी जिंदगी है। इसे बर्बाद मत करो।” उसकी बात गाँव में मशहूर हो गई।
पानी की कीमत – कहानी से सीख
ये कहानी सिखाती है कि हमें पानी को संभालकर इस्तेमाल करना चाहिए।
8. हँसी का तोहफा (Hansi Ka Tohfa)
हँसी सबको जोड़ती है और दुख भुला देती है। ये कहानी एक जोकर की है।

शहर में एक जोकर आया। वो रंग-बिरंगे कपड़े पहनता और बच्चों को हँसाता। उसका नाम था बबलू। एक दिन वो एक पार्क में बच्चों के लिए खेल दिखा रहा था। वहाँ एक लड़की उदास बैठी थी। उसका नाम था रिया। बबलू ने उसे देखा और पास गया। उसने मज़ेदार चेहरा बनाया और एक गुब्बारा उसके हाथ में दे दिया। रिया हँस पड़ी। बबलू ने पूछा, “क्यों उदास थी?” रिया बोली, “मेरे पास दोस्त नहीं हैं।”
बबलू ने उसे अपने साथ खेलने बुलाया। उसने बच्चों को इकट्ठा किया और सबके साथ मज़ेदार खेल शुरू किए। रिया भी खेल में शामिल हो गई। जल्द ही उसके ढेर सारे दोस्त बन गए। वो खुशी से चिल्लाई, “बबलू भैया, आपने मुझे हँसी दी।” बबलू ने कहा, “हँसी से सब ठीक हो जाता है।” उस दिन के बाद रिया हमेशा खुश रहने लगी। बबलू हर हफ्ते पार्क में आता और बच्चों को हँसाता। लोग कहते, “बबलू हँसी का तोहफा है।”
एक दिन बबलू ने बच्चों के लिए एक बड़ा मेला रखा। रिया ने भी उसकी मदद की। सबने मिलकर खूब मज़ा किया।
निष्कर्ष
हँसी का तोहफा – कहानी से सीख
ये कहानी बताती है कि हँसी जिंदगी को खूबसूरत बनाती है।
9. सच्चाई की जीत (Sachchai Ki Jeet)
सच्चाई हमेशा जीतती है। ये कहानी एक लड़के की सच्चाई की है।

गाँव में रमेश रहता था। वो स्कूल में पढ़ता था और बहुत मेहनती था। एक दिन स्कूल में मास्टर जी की टेबल से 50 रुपये गायब हो गए। मास्टर जी गुस्से में थे। उन्होंने सारे बच्चों से पूछा, “किसने पैसे लिए?” कोई नहीं बोला। फिर एक लड़के ने रमेश पर इल्ज़ाम लगाया, “मैंने इसे देखा, वो टेबल के पास था।” रमेश घबरा गया। उसने कहा, “मास्टर जी, मैंने कुछ नहीं लिया। मैं तो किताब लेने गया था।”
मास्टर जी को शक हुआ। उन्होंने रमेश की जेब चेक की, लेकिन कुछ नहीं मिला। फिर भी गाँव में बात फैल गई कि रमेश चोर है। रमेश उदास हो गया। उसने अपने दोस्त से कहा, “मैं सच बोल रहा हूँ, लेकिन कोई मानता नहीं।” उसका दोस्त बोला, “सच्चाई छिप नहीं सकती।” कुछ दिन बाद असली चोर पकड़ा गया। वो वही लड़का था जिसने रमेश पर इल्ज़ाम लगाया था। उसने माफी माँगी। मास्टर जी ने रमेश को बुलाया और कहा, “तूने सच बोला, मुझे गर्व है।”
रमेश की सच्चाई सबके सामने आई। गाँव वालों ने उसकी तारीफ की और उसे सम्मान दिया।
सच्चाई की जीत – कहानी से सीख
ये कहानी सिखाती है कि सच्चाई की राह मुश्किल हो सकती है, लेकिन वो हमेशा जीतती है।
10. मेहनत का इनाम (Mehnat ka Inaam)
मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। ये कहानी एक मेहनती किसान की है।

गाँव में श्याम नाम का किसान रहता था। उसके पास छोटा सा खेत था। वो दिन-रात मेहनत करता, लेकिन बारिश कम होने की वजह से फसल अच्छी नहीं होती थी। गाँव वाले कहते, “श्याम, ये खेत छोड़ दे।” लेकिन श्याम हारा नहीं। उसने सोचा, “मैं मेहनत करूँगा, कुछ न कुछ होगा।” उसने अपने खेत में नहर से पानी लाने की योजना बनाई। वो हर दिन मिट्टी खोदता और पानी का रास्ता बनाता। लोग उसका मज़ाक उड़ाते थे।
कई महीनों की मेहनत के बाद नहर का पानी उसके खेत तक पहुँचा। उस साल उसकी फसल बहुत अच्छी हुई। गाँव वाले हैरान रह गए। श्याम ने अपनी फसल बेची और अच्छे पैसे कमाए। उसने अपने बच्चों को स्कूल भेजा और गाँव में एक कुआँ बनवाया। उसने कहा, “मेहनत का फल मीठा होता है।” गाँव वालों ने उसकी मेहनत को सलाम किया।
श्याम की मेहनत ने गाँव के कई लोगों को प्रेरणा दी। वो अब सबके लिए मिसाल बन गया।
मेहनत का इनाम – कहानी से सीख
ये कहानी बताती है कि मेहनत से हर मुश्किल हल हो सकती है।
11. बुद्धिमान बंदर (Budhhimaan Bandar)
बुद्धि से बड़े-बड़े काम हो जाते हैं। ये कहानी एक बंदर की समझदारी की है।

जंगल में एक बंदर रहता था। वो बहुत चतुर था। एक दिन वो नदी किनारे खेल रहा था। तभी उसने देखा कि एक मछुआरा मछलियाँ पकड़ रहा है। मछुआरे ने जाल में ढेर सारी मछलियाँ फँसाईं और थककर सो गया। बंदर ने सोचा, “ये मछलियाँ तो बहुत स्वादिष्ट लगती हैं।” वो चुपके से जाल के पास गया। लेकिन जाल में उसका पैर फँस गया। वो डर गया और चिल्लाने लगा।
मछुआरा जाग गया और बंदर को पकड़ने दौड़ा। बंदर ने अपनी बुद्धि लगाई। उसने पास पड़े पत्थर को उठाया और जाल को काट दिया। वो आज़ाद हो गया और पेड़ पर चढ़ गया। मछुआरा गुस्से में चिल्लाया, लेकिन कुछ कर न सका। बंदर ने ऊपर से हँसकर कहा, “बुद्धि से हर मुश्किल हल होती है।” उसने एक मछली भी चुरा ली और मज़े से खा ली।
बंदर की चतुराई जंगल में मशहूर हो गई। जानवर उसे “बुद्धिमान बंदर” कहने लगे।
बुद्धिमान बंदर – कहानी से सीख
ये कहानी सिखाती है कि बुद्धि से हर परेशानी से बचा जा सकता है।
12. गाँव की एकता (Gaav Ki Ekta)
एकता में बहुत ताकत होती है। ये कहानी गाँव की एकजुटता की है।

एक गाँव में लोग अपने-अपने काम में व्यस्त रहते थे। एक दिन गाँव के पास जंगल में आग लग गई। आग तेज़ी से गाँव की ओर बढ़ने लगी। सरपंच ने सबको इकट्ठा किया और कहा, “हमें मिलकर आग बुझानी होगी।” पहले तो लोग डरे, लेकिन फिर सब तैयार हो गए। कुछ लोग पानी लाए, कुछ ने मिट्टी डाली। बच्चे भी बाल्टियाँ लेकर दौड़े।
सबने दिन-रात मेहनत की। आग धीरे-धीरे कम हुई और आखिरकार बुझ गई। गाँव बच गया। सरपंच ने कहा, “हमारी एकता ने हमें बचाया।” उस दिन के बाद गाँव वाले हर काम में एक-दूसरे की मदद करने लगे। उन्होंने जंगल में पानी का तालाब बनाया ताकि फिर से ऐसी मुसीबत न आए। गाँव की एकता की मिसाल दूर-दूर तक फैल गई।
लोग कहते, “एकता ही हमारी ताकत है।” गाँव अब पहले से ज़्यादा खुशहाल हो गया।
गाँव की एकता – कहानी से सीख
ये कहानी बताती है कि एकजुट होकर हर मुश्किल से लड़ा जा सकता है।
13. छोटी सी खुशी (Chhoti Si Khushi)
खुशी छोटी-छोटी चीज़ों में छिपी होती है। ये कहानी एक बच्चे की मासूमियत की है।

गाँव में टिंकू नाम का छोटा बच्चा रहता था। उसके पास खिलौने नहीं थे, लेकिन वो हमेशा खुश रहता था। एक दिन उसने सड़क पर एक टूटा हुआ गुब्बारा देखा। वो उसे घर ले आया और उसमें हवा भरने की कोशिश की। गुब्बारा फटा हुआ था, लेकिन टिंकू हँसता रहा। उसकी माँ ने पूछा, “बेटा, तू इतना खुश क्यों है?” टिंकू बोला, “माँ, ये मेरा गुब्बारा है।”
उसकी मासूमियत देखकर माँ की आँखें भर आईं। उसने अपने पास रखे कुछ पैसों से टिंकू के लिए एक नया गुब्बारा खरीदा। टिंकू उसे देखकर उछलने लगा। वो गाँव के बच्चों के साथ खेलने गया और सबको अपना गुब्बारा दिखाया। उसकी खुशी देखकर सारे बच्चे हँसने लगे। टिंकू ने कहा, “खुशी छोटी चीज़ों में होती है।” उसकी बात सुनकर सब मुस्कुरा दिए।
टिंकू की मासूमियत गाँव में मशहूर हो गई। लोग उसे देखकर अपनी परेशानियाँ भूल जाते थे।
छोटी सी खुशी – कहानी से सीख
ये कहानी सिखाती है कि खुशी पाने के लिए बड़ी चीज़ों की ज़रूरत नहीं होती।
14. अंधेरे से उजाला (Andhere Se Ujala)
हर अंधेरे के बाद उजाला आता है। ये कहानी एक परिवार की हिम्मत की है।

गाँव में एक गरीब परिवार रहता था। पिता बीमार थे और माँ घर चलाने के लिए मेहनत करती थी। उनका बेटा गोपाल स्कूल जाता था। एक दिन पिता की हालत बहुत खराब हो गई। माँ रोने लगी। गोपाल ने कहा, “माँ, मैं मेहनत करूँगा। सब ठीक हो जाएगा।” उसने स्कूल के बाद मज़दूरी शुरू की और पैसे कमाकर पिता का इलाज करवाया।
धीरे-धीरे पिता ठीक होने लगे। गोपाल ने पढ़ाई भी नहीं छोड़ी। उसकी मेहनत रंग लाई और वो एक अच्छी नौकरी पा गया। उसने अपने परिवार को गरीबी से निकाला और एक घर बनवाया। माँ ने कहा, “बेटा, तूने अंधेरे में उजाला कर दिया।” गोपाल ने मुस्कुराकर कहा, “हिम्मत से सब मुमकिन है।” गाँव वाले उसकी मेहनत की मिसाल देते थे।
गोपाल ने अपने पैसों से गाँव में एक किताबों की दुकान खोली ताकि बच्चे पढ़ सकें।
अंधेरे से उजाला – कहानी से सीख
ये कहानी बताती है कि मेहनत और हिम्मत से हर मुश्किल से निकला जा सकता है।
15. जंगल की सैर (Jungle Ki Sair)
जंगल में रोमांच और सीख दोनों मिलते हैं। ये कहानी बच्चों के साहस की है।

गाँव के पास एक जंगल था। वहाँ कुछ बच्चे खेलने गए। उनका लीडर था अमन। वो सब पेड़ों पर चढ़ते और फल तोड़ते। अचानक उन्हें एक घायल चिड़िया दिखी। अमन ने कहा, “हमें इसे बचाना चाहिए।” बच्चों ने मिलकर चिड़िया को पानी पिलाया और उसके लिए घोंसला बनाया। वो हर दिन उसकी देखभाल करने लगे।
एक दिन जंगल में एक शिकारी आया। उसने चिड़िया को पकड़ने की कोशिश की। अमन और उसके दोस्तों ने शोर मचाया और शिकारी को भगा दिया। चिड़िया ठीक हो गई और उड़ने लगी। उसने बच्चों के ऊपर चक्कर काटा जैसे धन्यवाद कह रही हो। अमन ने कहा, “जंगल हमें बहुत कुछ सिखाता है।”
बच्चों की बहादुरी जंगल में मशहूर हो गई। वो अब जंगल के रखवाले कहलाते थे।
जंगल की सैर – कहानी से सीख
ये कहानी सिखाती है कि साहस और दया से हर जीव की मदद की जा सकती है।
16. पेड़ का दोस्त (Ped Ka Dost)
प्रकृति हमारी दोस्त है। ये कहानी एक पेड़ और बच्चे की दोस्ती की है।

गाँव में एक बड़ा बरगद का पेड़ था। वहाँ रिंकू नाम का बच्चा हर दिन खेलता था। वो पेड़ से बातें करता और उसकी छाँव में सोता। एक दिन कुछ लोग पेड़ काटने आए। रिंकू ने देखा और रोने लगा। उसने गाँव वालों को बुलाया और कहा, “ये मेरा दोस्त है। इसे मत काटो।”
गाँव वालों ने उसकी बात सुनी। सबने मिलकर फैसला किया कि पेड़ नहीं काटेंगे। रिंकू ने पेड़ को पानी देना शुरू किया और उसकी देखभाल की। पेड़ और हरा-भरा हो गया। गाँव वाले कहते, “रिंकू ने हमें प्रकृति की कीमत सिखाई।” रिंकू खुश था कि उसका दोस्त सुरक्षित है।
उसके बाद गाँव में कई पेड़ लगाए गए। रिंकू हर पेड़ को अपना दोस्त मानता था।
पेड़ का दोस्त – कहानी से सीख
ये कहानी बताती है कि प्रकृति से दोस्ती हमें खुशी देती है।
17. खोया हुआ खजाना (Khoya Hua Khajana)
खजाना हमेशा सोने-चाँदी का नहीं होता। ये कहानी एक खोए हुए खजाने की है।

गाँव में एक पुराना घर था। लोग कहते थे कि वहाँ खजाना छिपा है। एक दिन राहुल नाम का लड़का वहाँ गया। उसने मिट्टी खोदी और एक पुराना सन्दूक मिला। वो खुश हो गया। सन्दूक खोला तो उसमें सोना नहीं, बल्कि पुरानी किताबें थीं। राहुल निराश हुआ, लेकिन उसने किताबें पढ़ना शुरू किया।
उन किताबों में पुराने जमाने की कहानियाँ और ज्ञान था। राहुल ने वो सब सीखा और गाँव वालों को सुनाया। लोग हैरान थे। उसने कहा, “ये मेरा खजाना है।” उसकी बातें सुनकर गाँव वाले उसे सम्मान देने लगे। राहुल ने किताबों से इतना सीखा कि वो एक अच्छा लेखक बन गया।
उसकी कहानियाँ दूर-दूर तक मशहूर हुईं। लोग कहते, “राहुल ने असली खजाना ढूँढ लिया।”
खोया हुआ खजाना – कहानी से सीख
ये कहानी सिखाती है कि ज्ञान सबसे बड़ा खजाना है।
18. गरीब का सपना (Gareeb Ka Sapna)
सपने गरीब-अमीर नहीं देखते। ये कहानी एक गरीब लड़के की है।

गाँव में दीपक रहता था। वो साइकिल रिपेयर की दुकान पर काम करता था। उसका सपना था कि वो एक दिन अपनी दुकान खोले। लोग उसका मज़ाक उड़ाते थे। लेकिन दीपक ने मेहनत की। वो दिन में काम करता और रात में साइकिल बनाना सीखता। उसने थोड़े-थोड़े पैसे जोड़े।
एक दिन उसने अपनी छोटी सी दुकान खोली। पहले ग्राहक कम आए, लेकिन उसकी मेहनत और अच्छे काम से धीरे-धीरे दुकान चल पड़ी। उसने अपने भाई को भी काम सिखाया। जल्द ही उसकी दुकान गाँव में मशहूर हो गई। दीपक ने कहा, “सपने मेहनत से सच होते हैं।”
उसकी सफलता ने गाँव के कई लड़कों को प्रेरणा दी। वो अब सबके लिए मिसाल था।
गरीब का सपना – कहानी से सीख
ये कहानी बताती है कि मेहनत से हर सपना पूरा हो सकता है।
19. जादुई चिराग (Jaadui Cheerag)
जादू असली नहीं होता, मेहनत ही जादू है। ये कहानी एक लड़के की मेहनत की है।

गाँव में लोग कहते थे कि जंगल में जादुई चिराग छिपा है। सोनू नाम का लड़का उसे ढूँढने गया। वो जंगल में भटकता रहा। आखिरकार उसे एक पुराना चिराग मिला। उसने उसे रगड़ा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वो उदास हो गया। फिर उसने सोचा, “शायद मेहनत ही जादू है।”
सोनू ने चिराग को साफ किया और बाज़ार में बेच दिया। उसने उन पैसों से किताबें खरीदीं और पढ़ाई शुरू की। उसकी मेहनत से वो स्कूल में अव्वल आया। उसने कहा, “मेरा जादू मेरी मेहनत है।” गाँव वालों ने उसकी तारीफ की। सोनू ने अपनी मेहनत से अपने परिवार को खुशहाल बनाया।
उसकी कहानी गाँव में मशहूर हो गई। लोग उसे “जादुई लड़का” कहते थे।
जादुई चिराग – कहानी से सीख
ये कहानी सिखाती है कि असली जादू मेहनत में होता है।
20. गंगा की लहरें (Ganga Ki Lehrein)
प्रकृति हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये कहानी गंगा नदी की है।

गाँव के किनारे गंगा बहती थी। वहाँ रानी नाम की लड़की हर दिन मछलियाँ देखने जाती थी। एक दिन गंगा में बाढ़ आ गई। गाँव वाले डर गए। रानी ने देखा कि कुछ मछलियाँ किनारे पर फँस गई थीं। उसने उन्हें वापस पानी में छोड़ा। उसकी माँ ने कहा, “तूने अच्छा किया।”
बाढ़ के बाद गाँव वालों ने गंगा की सफाई की। रानी ने सबसे कहा, “गंगा हमारी माँ है। इसे साफ रखो।” सबने उसकी बात मानी। गंगा फिर से साफ हो गई। रानी की छोटी सी कोशिश ने गाँव को प्रेरणा दी। वो हर दिन गंगा को देखकर मुस्कुराती थी।
गाँव वाले अब गंगा की कीमत समझते थे। रानी उनकी हीरो बन गई।
गंगा की लहरें – कहानी से सीख
ये कहानी बताती है कि प्रकृति की रक्षा हमारा कर्तव्य है।
Short Stories in Hindi
निष्कर्ष
इन 20 छोटी कहानियों 20 हिंदी में छोटी कहानियाँ (20 Short Stories in Hindi) में जीवन के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाया गया है, जो हमें सच्ची दोस्ती, मेहनत, ईमानदारी, दया, और सपनों की शक्ति का महत्व सिखाती हैं। हर कहानी अपने अंदर एक गहरी सीख समेटे हुए है, जो हमें बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करती है।
कहानियाँ केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं होतीं, बल्कि वे हमें नैतिक मूल्यों से भी परिचित कराती हैं। चाहे वह दोस्ती की ताकत हो, गरीब की मदद, सपनों का पीछा या जंगल का न्याय—हर कहानी हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाती है।
आशा है कि ये कहानियाँ आपको प्रेरित करेंगी और आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएँगी।
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