दिल छू लेने वाली हिंदी कहानी (Heart Touching Story in Hindi)

कहानियाँ हमें जीवन के बड़े-बड़े सबक सिखाती हैं। कुछ कहानियाँ हमें हंसाती हैं, कुछ सिखाती हैं, और कुछ हमारे दिल को छू जाती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही दिल छू लेने वाली हिंदी कहानी (heart touching story in hindi) सुनाने जा रहे हैं – “माँ का प्यार“।

यह कहानी एक माँ और उसके बेटे की है, जो हमें सिखाती है कि माँ का प्यार दुनिया में सबसे अनमोल होता है।

कहानी के किरदार

हर कहानी में कुछ खास किरदार होते हैं, जो उसे यादगार बनाते हैं। इस कहानी में भी कुछ ऐसे पात्र हैं, जिनके बिना यह कहानी अधूरी होती।

  • माँ (सुमित्रा)
    एक गरीब लेकिन मेहनती महिला, जो अपने बेटे के लिए कुछ भी कर सकती है।
  • बेटा (राजू)
    माँ का प्यारा बेटा, जो पढ़ाई में बहुत अच्छा है।
  • गाँव के लोग – जो कहानी में अलग-अलग समय पर आते हैं।

ये सभी किरदार मिलकर इस कहानी को और भावनात्मक बनाते हैं और हमें जीवन के अहम सबक सिखाते हैं।

Heart Touching Story in Hindi – “माँ का प्यार” कहानी

माँ का प्यार निस्वार्थ और अटूट होता है। यह कहानी एक बेटे और उसकी माँ के रिश्ते को दर्शाती है, जो प्रेम, त्याग और समझ का प्रतीक है।

बचपन की खुशियाँ

गाँव के एक छोटे से घर में सुमित्रा और उसका बेटा राजू रहते थे।

सुमित्रा गरीब थी, लेकिन अपने बेटे को पढ़ा-लिखा कर बड़ा आदमी बनाना चाहती थी। वह दिन-रात मेहनत करती, घरों में काम करती और दूसरों के कपड़े सिलती थी। राजू अपनी माँ की मेहनत को समझता था। जब भी उसकी माँ थक जाती, वह उसके पास बैठकर उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरता और कहता, “माँ, एक दिन मैं बहुत बड़ा आदमी बनूंगा, फिर तुम्हें काम नहीं करना पड़ेगा!” सुमित्रा मुस्कुराकर कहती, “बस तू मेहनत करता रह, बेटा। तेरा सपना एक दिन जरूर पूरा होगा।”

गाँव के बाकी बच्चे नए कपड़े पहनते, अच्छे खिलौनों से खेलते, लेकिन राजू को इन चीज़ों का लालच नहीं था। उसकी खुशियाँ उसकी माँ की मुस्कान में थी। वह माँ की मदद करता, घर के छोटे-मोटे काम करता और जब माँ ज्यादा थक जाती, तो अपने नन्हे हाथों से उनकी पीठ दबाने लगता।

मुश्किल समय

समय बीतता गया। राजू अब बड़ा हो रहा था और पढ़ाई में बहुत अच्छा था। लेकिन एक दिन उसकी किताबें पुरानी हो गईं और उसे नई किताबों की जरूरत थी।

राजू माँ के पास आया और बोला, “माँ, मेरी किताबें अब बहुत पुरानी हो गई हैं। कुछ पन्ने फट भी गए हैं।”

सुमित्रा जानती थी कि किताबें कितनी जरूरी हैं, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। वह राजू के सिर पर हाथ फेरते हुए बोली, “बेटा, तू कुछ दिनों तक इन्हीं से पढ़ ले, मैं जल्दी ही नई किताबें ला दूंगी।”

राजू समझदार था। उसने तुरंत कहा, “माँ, कोई बात नहीं। मैं पुरानी किताबों से भी पढ़ लूंगा। तुम चिंता मत करो।”

लेकिन सुमित्रा अपने बेटे के सपनों में कोई कमी नहीं आने देना चाहती थी। वह रात में ज्यादा काम करने लगी। दिन में दूसरों के घरों में सफाई करती और रात में कपड़े सिलती।

एक दिन उसकी सहेली गौरी ने पूछा, “इतनी रात तक क्यों जाग रही है, सुमित्रा?”

सुमित्रा ने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरा बेटा बड़ा आदमी बनेगा, उसके सपनों के लिए थोड़ी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी।”

कुछ ही हफ्तों में सुमित्रा ने कुछ पैसे बचा लिए और राजू के लिए नई किताबें खरीदीं।

जब राजू को किताबें मिलीं, तो उसकी आँखों में खुशी के आँसू थे। उसने माँ को गले लगाया और बोला, “माँ, तुम दुनिया की सबसे अच्छी माँ हो!”

सुमित्रा ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा और कहा, “बस तू मन लगाकर पढ़ाई कर, बेटा। यही मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है।”

सफलता की ओर

राजू ने खूब मेहनत की और पढ़ाई में आगे बढ़ता गया। स्कूल में उसकी गिनती सबसे होशियार बच्चों में होने लगी। गाँव के लोग उसकी माँ की तारीफ करने लगे कि उसने कितनी मेहनत से अपने बेटे को इतना अच्छा बनाया।

गाँव के मुखिया जी ने एक दिन सुमित्रा से कहा, “बहन, तुमने अकेले ही अपने बेटे को इतना बड़ा किया, यह बहुत गर्व की बात है।”

सुमित्रा ने सिर झुकाकर कहा, “यह सब मेरे बेटे की मेहनत और भगवान की कृपा है।”

समय बीता, और राजू को शहर में एक अच्छी नौकरी मिल गई। जब वह पहली बार अपनी माँ को शहर ले जाने आया, तो उसकी आँखों में आँसू थे।

उसने माँ का हाथ पकड़ा और कहा, “माँ, अब तुम्हें कोई काम नहीं करना पड़ेगा। अब तुम्हारे आराम करने की बारी है।”

सुमित्रा की आँखों में खुशी के आँसू आ गए। उसने राजू के सिर पर हाथ रखा और कहा, “आज तेरा सपना पूरा हुआ, बेटा। तूने माँ को सच में गर्व महसूस करवाया।”

अब राजू की मेहनत रंग लाई थी। उसने अपनी माँ को आरामदायक जिंदगी दी। उसकी माँ के चेहरे पर खुशी थी, क्योंकि उसका बेटा अब सफल हो गया था।

Heart Touching Story in Hindi – “Maa Ka Pyar” Kahani

Bachpan Ki Khushiyan

Gaav ke ek chhote se ghar mein Sumitra aur uska beta Raju rehte the. Sumitra gareeb thi, lekin apne bete ko padha-likha kar bada aadmi banana chahti thi. Wah din-raat mehnat karti, gharon mein kaam karti aur doosron ke kapde silti thi.

Raju apni maa ki mehnat ko samajhta tha. Jab bhi uski maa thak jaati, wah uske paas baithkar uske sir par pyaar se haath ferata aur kehta, “Maa, ek din main bahut bada aadmi banunga, phir tumhe kaam nahi karna padega!” Sumitra muskurakar kehti, “Bas tu mehnat karta reh, beta. Tera sapna ek din zaroor poora hoga.”

Gaav ke baaki bachhe naye kapde pehente, achhe khilaunon se khelte, lekin Raju ko in cheezon ka lalach nahi tha. Uski khushiyan uski maa ki muskurahat mein thi. Wah maa ki madad karta, ghar ke chhote-mote kaam karta aur jab maa zyada thak jaati, to apne nanhe haathon se unki peeth dabane lagta.

Mushkil Samay

Samay beetta gaya. Raju ab bada ho raha tha aur padhaai mein bahut accha tha. Lekin ek din uski kitabein purani ho gayi aur usse naye kitaabon ki zaroorat thi.

Raju maa ke paas aaya aur bola, “Maa, meri kitabein ab bahut purani ho gayi hain. Kuch panne phat bhi gaye hain.”

Sumitra jaanti thi ki kitaabein kitni zaroori hain, lekin uske paas paise nahi the. Wah Raju ke sir par haath ferte hue boli, “Beta, tu kuch dino tak inhi se padh le, main jaldi hi naye kitaabein la dungi.”

Raju samajhdar tha. Usne turant kaha, “Maa, koi baat nahi. Main purani kitaabon se bhi padh loonga. Tum chinta mat karo.”

Lekin Sumitra apne bete ke sapno mein koi kami nahi aane dena chahti thi. Wah raat mein zyada kaam karne lagi. Din mein doosron ke gharon mein safai karti aur raat mein kapde silti.

Ek din uski saheli Gauri ne pucha, “Itni raat tak kyon jaag rahi hai, Sumitra?”

Sumitra ne muskurate hue kaha, “Mera beta bada aadmi banega, uske sapno ke liye thodi mehnat to karni hi padegi.”

Kuch hi hafton mein Sumitra ne kuch paise bacha liye aur Raju ke liye naye kitaabein kharidi.

Jab Raju ko kitaabein mili, to uski aankhon mein khushi ke aansu the. Usne maa ko gale lagaya aur bola, “Maa, tum duniya ki sabse achi maa ho!”

Sumitra ne pyaar se uske sir par haath ferte hue kaha, “Bas tu man lagakar padhaai kar, beta. Yehi mere liye sabse badi khushi hai.”

Safalta Ki Aur

Raju ne khoob mehnat ki aur padhaai mein aage badhta gaya. School mein uski ginti sabse hoshiyar bachhon mein hone lagi. Gaav ke log uski maa ki tarif karne lage ki usne kitni mehnat se apne bete ko itna accha banaya.

Gaav ke mukhiya ji ne ek din Sumitra se kaha, “Behan, tumne akeli hi apne bete ko itna bada kiya, yeh bahut garv ki baat hai.”

Sumitra ne sir jhukakar kaha, “Yeh sab mere bete ki mehnat aur Bhagwan ki kripa hai.”

Samay beeta, aur Raju ko shahar mein ek acchi naukri mil gayi. Jab wah pehli baar apni maa ko shahar le jaane aaya, to uski aankhon mein aansu the.

Usne maa ka haath pakda aur kaha, “Maa, ab tumhe koi kaam nahi karna padega. Ab tumhare aaram karne ki baari hai.”

Sumitra ki aankhon mein khushi ke aansu aa gaye. Usne Raju ke sir par haath rakha aur kaha, “Aaj tera sapna poora hua, beta. Tune maa ko sach mein garv mehsoos karwaya.”

Ab Raju ki mehnat rang laayi thi. Usne apni maa ko aaraamdayak zindagi di. Uski maa ke chehre par khushi thi, kyunki uska beta ab safal ho gaya tha.

“माँ का प्यार” कहानी से क्या सीख मिलती है?

  1. माँ का प्यार सबसे बड़ा होता है – माँ अपने बच्चों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
  2. मेहनत का फल मीठा होता है – अगर हम मेहनत करें, तो हमें सफलता जरूर मिलती है।
  3. परिवार से बढ़कर कुछ नहीं – हमें अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए और उनका ख्याल रखना चाहिए।

“माँ का प्यार” कहानी का संक्षेप

“माँ का प्यार” एक ऐसी कहानी है जो हमें बताती है कि माँ का त्याग और प्यार दुनिया की सबसे अनमोल चीज़ है। राजू की माँ ने अपने बेटे के लिए बहुत मेहनत की, और उसका बेटा उसकी मेहनत का सम्मान करते हुए बड़ा आदमी बना। यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपने माता-पिता की कदर करनी चाहिए और हमेशा मेहनत करनी चाहिए।

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निष्कर्ष

दिल छू लेने वाली कहानियाँ (heart touching stories in hindi) हमें जिंदगी के असली मायने समझाती हैं। “माँ का प्यार” भी ऐसी ही एक कहानी है, जो हमें सिखाती है कि माँ के बिना जिंदगी अधूरी होती है। यह कहानी हर किसी को अपनी माँ की याद दिला देती है और हमें उनके प्यार और बलिदान की कदर करना सिखाती है।

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