मछली जल की रानी है (Machli Jal Ki Rani Hai)

machli jal ki rani hai

बचपन में कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जो दिल के बहुत करीब होती हैं और हमेशा याद रहती हैं। उन्हीं में से एक कविता है “मछली जल की रानी है (Machli Jal Ki Rani Hai)“, जिसे बच्चे बहुत प्यार से और खुशी के साथ गाते हैं। यह कविता स्कूल की पहली क्लास से लेकर घर के आंगन तक बच्चों का साथ देती है। यह सिर्फ गुनगुनाने वाली पंक्तियाँ नहीं हैं, बल्कि बच्चों के सीखने की शुरुआती सीढ़ी बनती है।

Bachpan mein kuch cheezein aisi hoti hain jo dil ke bahut kareeb hoti hain aur hamesha yaad rehti hain. Unhi mein se ek kavita hai “Machli Jal Ki Rani Hai”, jise bachche bahut pyaar se aur khushi ke saath gaate hain. Yeh kavita school ki pehli class se lekar ghar ke aangan tak bachchon ka saath deti hai. Yeh sirf gungunaane wali panktiyaan nahi hain, balki bachchon ke seekhne ki shuruaati seedhi banti hai.

मछली जल की रानी है कविता (Machli Jal Ki Rani Hai Poem)

“Machli Jal Ki Rani Hai” एक छोटी और आसान कविता है। इसमें मछली को पानी की रानी बताया गया है। इसका मतलब है कि मछली पानी में सबसे ज्यादा खुश रहती है। जब मछली को पानी से बाहर निकालते हैं, तो वह जिंदा नहीं रह सकती।कविता की लाइनें इस तरह हैं:

“मछली जल की रानी है,
जीवन उसका पानी है,
हाथ लगाओ डर जाएगी,
बाहर निकालो मर जाएगी।”

machhli jal ki rani hai

ये चार लाइनें बहुत सी बातें सिखाती हैं। बच्चों को इससे यह समझ आता है कि हर जीव का एक घर होता है और वह वहीं सबसे अच्छा रहता है।

“Machli Jal Ki Rani Hai” Lyric:

machli jal ki rani hai

“Machli Jal Ki Rani Hai,
Jeevan Uska Pani Hai,
Haath Lagao Dar Jaayegi,
Bahar Nikalo Mar Jaayegi.”

मछली जल की रानी है कविता से सीख

इस कविता से बच्चे कई बातें सीखते हैं। सबसे पहले, वे मछली और पानी के बीच का रिश्ता समझते हैं। मछली बिना पानी के नहीं रह सकती, यह बात बच्चों को बहुत सरल तरीके से समझाई जाती है।

इसके अलावा, कविता में लय और तुकबंदी होती है। इससे बच्चों को बोलने और सुनने में मजा आता है। जब वे इसे गाते हैं, तो उनका उच्चारण बेहतर होता है और वे जल्दी से शब्दों को याद भी कर लेते हैं। यह कविता उन्हें बात करने और सोचने में भी मदद करती है।

1. बच्चों की सोच और कविता

बच्चों का मन बहुत कल्पनाशील होता है। जब वे सुनते हैं कि मछली जल की रानी है, तो उनके मन में मछली एक सुंदर रानी की तरह दिखने लगती है। इससे उनकी कल्पना की दुनिया और रंगीन हो जाती है।

इस कविता से वे यह भी समझते हैं कि किसी भी जीव को बिना वजह परेशान नहीं करना चाहिए। मछली को हाथ लगाने या बाहर निकालने से वह डर या मर सकती है, यह बात बच्चों को करुणा और दया सिखाती है।

2. कविता और समाज

“Machli Jal Ki Rani Hai” भारत की लगभग हर भाषा बोलने वाली जगहों में सुनी जाती है। चाहे गाँव हो या शहर, यह कविता हर जगह गाई जाती है।

स्कूलों, घरों और आंगनवाड़ी केंद्रों में यह कविता बच्चों को सिखाई जाती है। इससे बच्चे एक-दूसरे के साथ मिलकर गाना गाते हैं और एकता और दोस्ती की भावना मजबूत होती है।

You may also read: Johny Johny Yes Papa

“मछली जल की रानी है” कविता का इतिहास और महत्व

बचपन में गाई जाने वाली हर कविता के पीछे कोई न कोई कहानी होती है, और उसी तरह “मछली जल की रानी है” कविता का भी अपना एक खास इतिहास और महत्व है। यह कविता बहुत पुरानी है, लेकिन इसकी शुरुआत का सही-सही ज़िक्र किसी एक किताब या लेखक से नहीं मिलता। अलग-अलग स्कूलों और परिवारों में यह कविता अलग अंदाज़ में सुनाई जाती है, लेकिन इसका भाव और मछली के प्रति प्यार हमेशा एक-सा रहता है।

यह कविता मुख्य रूप से बच्चों को मछली और उसके जीवन से जोड़ती है। मछली पानी में रहती है, वहीं उसका जीवन है, और यही बात यह कविता बहुत सरल भाषा में बच्चों को सिखाती है। इस कविता के जरिए बच्चे यह समझते हैं कि हर जीव के लिए उसका पर्यावरण कितना ज़रूरी होता है। अगर मछली को पानी से अलग कर दिया जाए, तो वह जीवित नहीं रह सकती। इसी तरह हर जीव का एक घर होता है और वह उसी में खुश रहता है। यह संदेश बच्चों को छोटी उम्र में ही प्रकृति और जीवों की अहमियत को समझने का रास्ता देता है।

मछली जल की रानी है कविता से बच्चों की गतिविधियाँ

इस कविता को पढ़ाने के साथ-साथ कई मजेदार एक्टिविटी भी कराई जा सकती हैं:

  • मछली की तस्वीर बनवाना,
  • मछली की कहानी सुनाना,
  • मछली का नाटक कराना।

इससे बच्चे एक्टिव रहते हैं और कविता को और अच्छे से समझ पाते हैं। वे सवाल पूछते हैं और चीजों को जानने की कोशिश करते हैं।

You may also read: Jack and Jill

FAQ on “Machli Jal Ki Rani Hai” Poem

“Machli Jal Ki Rani Hai” kavita bachchon ke liye kyu zaroori hai?

Ye kavita bachchon ko prakriti, dayabhav aur jeevon ke prati samvedansheel banati hai. Saath hi unki boli aur sunne ki skills bhi sudharati hai.

Kya “Machli Jal Ki Rani Hai” kavita dusri bhashaaon mein bhi milti hai?

Haan, ye Hindi rhyme kai regional languages aur English mein bhi available hai, preschool curriculum mein bhi shamil hoti hai.

Kya yeh kavita kisi specific author ne likhi hai?

Nahi, yeh kavita ek lokpriya bal kavita hai jiska koi specific author nahi hai. Yeh har jagah bachpan se hi suni aur sikhai jaati hai.

\u0022Machli Jal Ki Rani Hai\u0022 kavita ka asal arth kya hai?

Kavita yeh batati hai ki machli ke liye paani hi jeevan hai. Bina paani ke vah zinda nahi reh sakti.

\u0022Machhli Jal Ki Rani Hai\u0022 kavita se bachche kya seekhte hain?

Bachche isse seekhte hain ki har jeev apne environment mein hi surakshit aur khush rehta hai. Yeh unmein karuna aur samvedana bhi jagati hai.

Bachcho Ki kahaniya

कछुए और खरगोश की कहानीगरीब किसान की कहानी
जिंदगी बदल देने वाली प्रेरणादायक कहानीशेर की कहानी
शेर और सियार की कहानीशेर और खरगोश की कहानी
हाथी और चींटी की कहानीप्यासे कौवे की कहानी
शेर और चूहे की कहानीलालची कुत्ते की कहानी
सच्ची मित्रता की कहानीगणेश जी की कहानी
कक्षा 2 के लिए छोटी नैतिक कहानियाँचालाक लोमड़ी की कहानी

निष्कर्ष

“मछली जल की रानी है (Machhli Jal Ki Rani Hai)” एक बहुत ही प्यारी कविता है जो बच्चों को सिखाती है कि हर जीव को उसके घर यानी उसके वातावरण में ही रहना चाहिए। मछली पानी में सबसे खुश रहती है और पानी के बिना वह जी नहीं सकती। इस कविता से बच्चे दया, समझदारी, और प्यार सीखते हैं। इसलिए हमें यह कविता बार-बार बच्चों को सुनानी और सिखानी चाहिए ताकि वे हर जीव का सम्मान करना सीख सकें।

Rate this post

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top